शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

नारी! नर शक्ति पर आश्रित नहीं


नारी!  नर शक्ति पर आश्रित नहीं


मैं नारी हूँ, पर नर शक्ति पर आश्रित नहीं,
मेरे शब्दों की परिभाषा मेरे आत्म की अभिव्यक्ति है,
मेरे शब्द तुम्हें परिभाषित करें, यह मेरा सरोकार नहीं।
अबला जीवन की पराकाष्ठा ही सबला की उत्पत्ति है,
तुम मेरी खामोशी को अपनी विजय न समझो,
खामोशी शून्यता नहीं, आत्म आंदोलन का प्रथम सौपान है।
मेरे अस्तित्व का आधार तुम्हारे नाम का मुझसे जुड़ना नहीं,
मैं, मेरी पहचान मेरी स्व-निधि है, तुम्हारा वरदान नहीं।
अपने पुरुषार्थ का ओजस्व मेरे निर्वहन से गर्वित न करो
मैं तुम्हारे पुरुषार्थ की गरिमा का अंश नहीं, न ही साधन हूँ।
मेरा जीव मेरी आत्मा मेरी अपनी संपदा है, तुम्हारा अधिकार नहीं,
नर अभिमान से मुखरित तुम्हारे शब्द मुझे तोड़ते नहीं,
तुम्हारे शब्दों का दंभ ही मेरी शक्ति का आलम्ब हैं।
मेरी सत्ता का आधार तुम पर आश्रित नहीं,
परंतु तुम्हारा अस्तित्व मेरे बिना संभव नहीं।
मैं नारी हूँ पर नर शक्ति पर आश्रित नहीं

                                                                            -अन्नु मिश्रा

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